Wednesday, November 24, 2010

अब असली परीक्षा

देशपाल सिंह पंवार

हैरतअंगेज ऐतिहासिक जनादेश:लालू-पासवान-राहुल गांधी का बेढंगा भेष। जातिगत समीकरण के दफ्न अवशेष। परिवारवाद के खाते में जीरो शेष। बस अब विकास ही सबसे विशेष। इस शब्द के मीन ने इधर बजाई तीन ki बीन-उधर बदल डाला तीन का सारा सीन। जनता पास, नीतीश पास, मीडिया पास। सत्ता पक्ष खुश हैं। बेहद खुश। दिन ही ऐसा है। तीर के वीर ही अब असली मीर। दलदल में कमल ki भी लहलहाई फसल। हाथ झटका -लालटेन पटका -लाल झंडा लटका -बंगला सटका -हाथी भटका , बिहार का मतदाता ऐसा मटका कि अच्छे-अच्छों के सामने अब अस्तित्व का खटका । हर जगह-हर कोई एक्सपर्ट है। समीक्षा हो रही हैं। हारने वाले गम गलत करने के बाद जुटेंगे। रहस्य से पर्दा खोलेंगे। इतना प्रचंड बहुमत सबके लिए रहस्यमय है। ना तो विकास की धारा बह रही थी और ना ही कोई आंधी-फिर ऐसा कोन सा जादुई चिराग हाथ लगा की पूरा विपक्ष ही साफ हो गया। जदयू व भाजपा अलग-अलग सरका र बनाने की स्थिति में खड़े हो गए। इसका रहस्य यही है कि पिटने-लुटने-मरने का डर नहीं रहा। सारे मास के हर चेहरे में विकास के विश्वास की आस जगी। सपने जगे। लालू-पासवान से नीतीश भले लगे। तभी ऐसी जीत के बिगुल बजे। नीतीश कु मार के कानों में आज ये साज मीठा है। लुभावना है। पर लाख टके का सवाल यही है कि क्या आगे ये तान ऐसी ही मधुर रहेगी? सब तकदीर चमकने के सपने देख रहे हैं। पूरे हुए तो शुभान अल्लाह। नहीं तो ...। सपने बहुत हैं पर कल के बाद नीतीश सरकार के पास महज १८२५ दिन बचे हैं। रोज ये संख्या घटेगी। सपनों के दबाव बढ़ेंगे। कोई दलील नहीं चलेगी। सच में असली परीक्षा की घड़ी तो सरकार की अब आई है। जनादेश की यही दुहाई है। गद्दी व बड़े व छोटे की लड़ाई से इस गठजोड़ से अब दूर रहना ही होगा। दूसरे की थाली में ज्यादा खीर देखना बंद क रना होगा। गद्दी की चिंता जनता ने हर ली है अब हर दुख इनको हरने होंगे। पेट भरने होंगे। मकान बनाने होंगे। रोजगार पैदा करने होंगे। स्कूल -कालेज खोलने होंगे। लालटेन फोडऩे के बाद गांव-गांव बल्ब जलाने होंगे। हरित क्रांति लानी होगी। विकास की धारा गरीब-गुरबों तक ले जानी होगी। बाकी की तो बात क रना फिजूल,लालू-पासवान के पास अब उस वक्त के इंतजार के अलावा कोई चारा नहीं। अब इस सरका र कि गल्तियां हीं उन्हें बिहार की राजनीति में कोई जगह दे स·ती है। बाकी तो कोई रास्ता नहीं कम से कम फिलहाल। वे क्यों हारे वो भी जानते हैं-जनता भी। मीडिया को भी अब पत्रकारिता के साथ-साथ ज्योतिष का धंधा शुरू कर देना चाहिए। ऐसी भविष्यवाणी भला कोई ज्योतिषी कर पाएगा? इस जीत पर बधाई और दूसरी पारी के वास्ते नीतीश सरकार को ढेर सारी शुभकामनाएं। सब चाहते हैं बिहार चमके । काम करने वाले नेताओं के चेहरे यूं हीं दमकें ।