
अहमदाबाद- मुस्लिम लड़कियों का निकाह
एक आदमी रोटी बेलता है। एक आदमी रोटी खाता है। एक तीसरा आदमी bhi है, जो न रोटी बेलता है, न रोटी खाता है, वो सिर्फ रोटी से खेलता है। मैं पूछता हूं वो तीसरा आदमी कौन है?, मेरे देश की संसद मौन है। सुदामा पांडे (धूमिल) अफसरों की कारस्तानी का, नेताओं की बेईमानी का, गुंडे-बदमाशों की मनमानी का, दौलत की रवानी का,अमीरों की राजधानी का, सिसकती जिंदगानी का। बेरोजगारों की बर्बाद जवानी का।
1 comment:
फोटो बहुत अच्छा आया है। मुझे नहीं पता था कि मुस्लिम निकाह में भी लाल जोड़ा पहना जाता है, मेहंदी लगायी जाती है, और चूड़ियाँ भी पहनी जाती हैं! देखने में बिल्कुल हिंदुओं जैसी शादी प्रतीत होती है।
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