Thursday, March 26, 2009

कर कल्याण


ठीक है ना


होली का रंग


चलें


नेताजी


सुहानी शाम


तबाही में पढ़ाई


जीने दो


हे राम


दौर ख़त्म


नई उमंग-नई फसल


कौन आया


मेरी मर्जी


दिमाग की उपज


असली होली


ताकत का नशा


अपना नसीब


चिराग रोशन


दादी मान जाओ ना


मेरा गाँव-मेरा देश


दहशत का साया


दो घूँट पानी तो दो


आसमान से पथराव


शुरुआत


यहाँ कौन है मेरा


करनी का फल


ये हाथ नहीं देगा साथ


समय बलवान


आस्था के मन्दिर


मेरी तस्वीर लो ना


दर्द का रिश्ता


बर्फ के सीने पर चोट


रेल पर मौत का खेल


उगता सोना


सूखती नदियाँ


ताकत


अफ़सोस


सोना-खोना


दमन में चमन


ज़िन्दगी का भावः


भूख


दर्द से फटता सीना


फूल खिलें गुलशन -गुलशन


आसमान में तालिबान


इन्सान हलाल


पानी ने बिगाडी चाल